कविवर त्रिलोचन के कृतित्व का परिचय और उनके संदर्भ में कुछ मित्रों की आलोचनात्मक टिप्पणियाँ पढ़ कर अच्छा लगा.
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सिन्धी साहित्य के वरिष्ठ समालोचक हीरो ठाकुर ने अंत में सभी की रचनाओं पर अपनी आलोचनात्मक टिप्पणियाँ कह कर आज पढ़े गए साहित्य का मूल्यांकन किया.
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सिन्धी साहित्य के वरिष्ठ समालोचक हीरो ठाकुर ने अंत में सभी की रचनाओं पर अपनी आलोचनात्मक टिप्पणियाँ कह कर आज पढ़े गए साहित्य का मूल्यांकन किया.
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इसलिए एक दूसरे के लिखे लेखों पर आलोचनात्मक टिप्पणियाँ करने में कोई बुराई नहीं, लेकिन दिक्कत तब है जब लोग व्यक्तिगत तौर पर एक-दूसरे के पीछे पड़ जाते हैं।
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इसलिए एक दूसरे के लिखे लेखों पर आलोचनात्मक टिप्पणियाँ करने में कोई बुराई नहीं, लेकिन दिक्कत तब है जब लोग व्यक्तिगत तौर पर एक-दूसरे के पीछे पड़ जाते हैं।
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मैं यह अपेक्षा रखता हूँ कि भविष्य में आप कुछ आलोचनात्मक टिप्पणियाँ प्रस्तुत करें जब भी आप से प्रश्न किए जाएँ और इसके लिए पूर्व तैयारी की आवश्यकता है.
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इसलिए एक दूसरे के लिखे लेखों पर आलोचनात्मक टिप्पणियाँ करने में कोई बुराई नहीं, लेकिन दिक्कत तब है जब लोग व्यक्तिगत तौर पर एक-दूसरे के पीछे पड़ जाते हैं।
8.
इसका कारण यह है कि इन दीवार पत्रिकाओं में संघ परिवार की साम्प्रदायिक फ़ासीवादी हरक़तों और देश में फ़िर से साम्प्रदायिक तनाव फ़ैलाने की कार्रवाइयों पर आलोचनात्मक टिप्पणियाँ छप रही थीं।
9.
अयाज़ साहब आप बेफ़िक्र रहें, आलोचनात्मक, बहस वाली, कटु धार्मिक भाषा वाली सभी टिप्पणियाँ मैं प्रकाशित करूंगा… सिर्फ़ और सिर्फ़ गालीगलौज तथा अश्लील भाषा वाली नहीं… इसलिये आप चाहे जितनी आलोचना करें… आपकी टिप्पणी प्रकाशित होगी… पहले भी कैरानवी, सलीम आदि की आलोचनात्मक टिप्पणियाँ प्रकाशित कर चुका हूं…।
10.
आलोचनात्मक टिप्पणियाँ देने से बचने की कोशिश करता हूँ, लेकिन चर्चा की सार्थकता...।” गजल या कविता पर बात करते हुए इतना व्यक्तिगत होने की आवश्यकता नहीं लगती, अगर जौहर जी को तिलकराज जी की बातों का खंडन करना ही था तो तर्कपूर्वक करते, सबको अच्छा लगता| उन्होंने तो यहाँ तक सलाह दे डाली कि यदि आप राजेन्द्र भाई को उक्त सभी समझाइशें सीधे तौर पर पत्र या ईमेल से भेजते तो आपका व्यक्तित्व कुछ और ही झलकता।